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Haridwar recent comments:

  • New vishnu Garden, Shiva (guest) wrote 3 years ago:
    That's my society!
  • Gurudwara Shri Guru Amar Das Ji, Sati Ghat, mohinder1515 wrote 5 years ago:
    This Gurudwara belongs to 3rd Guru Shri Amar Das Ji. Her before e Guru Ji was coming regularly before becoming 3rd Guru of Sikh community. While Guru Ji visited at 21st time here at ganga ji,then a Pandit Ji named Shri Durga Dutt Ji met him. After some conversation with Pandit Ji, he pointed out that you are a NIGURA (in hindi) means a person without Guru. This comment of pandit ji badly affected Shri Guru Amar Das Ji thereafter guru ji (who was not guru at that time rather simple meditator) went to 2nd Guru Angad Dev Ji Maharaj , became his follower and served him 12 years at Khadoor Sahib,Amritsar. After becoming 3rd Guru of Sikhs he established a city GOINDWAL SAHIB, AMRITSAR and also came to Haridwar. At that time Guru Ji met Pandit Durga Dutt ji and blessed his past 21 generations ( called 21 Kullan in Hindi language). Guru Ji also finished the Hindu Sati Pratha which was a bad ritual in hinduism. Therefore this place is known as Sati Ghat since then to now. Many sikh families, devotees also visited this Gurudwara for handing over (called Jal Parwah of Phool of dead body) the ashes to ganga ji which is at the back side of this Gurudwara , after preying and doing Ardas in this Gurudwara. All above valuable detail has been given by Baba Davinder Singh Ji and also told that this place was established by Baba Dargah Singh Ji. Every year Gurupurb of Guru Amar Das Ji celebrated in the month of September on the day of Puranmashi. Mahant Ranjay Singh Sodhi Ji is maintaining this place of Gurudwara. By mohinder1515@gmail.com Dated. 17.03.2019.
  • Inderlok HDA Colony, Vipin (guest) wrote 6 years ago:
    Is it still available
  • Inderlok HDA Colony, prem gupta (guest) wrote 6 years ago:
    i am prem my number 9045770830
  • Inderlok HDA Colony, prem gupta (guest) wrote 6 years ago:
    i am Prem Gupta my number 9045770830
  • H.R.D.C (Training School), Kajol soni (guest) wrote 6 years ago:
    Sir.. I am kajol want to undergo my summer internship grom bhel haridwar.. So plz let me know about the procedur.. N mail it to kajolsoni787@gmail.com
  • SANYAS ASHRAM, TARSEM LAL (guest) wrote 6 years ago:
    I HAVE COMPLETED ALL MY RESPONSIBILITIES TOWARDS MY WHOLE FAMILY. AT PRESENT MY AGE IS 62 YEARS AND I WANT TO SPEND MY REST OF MY LIFE IN THE FEET OF GOD. I WANT TO GIVE UP THIS MATERIALISTIC WORLD HENCE I WANT TO ADOPT SANYAS LIFE.
  • Inderlok HDA Colony, Nishant (guest) wrote 6 years ago:
    I am looking for 72m plot in Inderlok colony Haridwar. Contact - 8791137961
  • Ram Leela Ground Shivalik Nagar, DRBHAMRA wrote 7 years ago:
    शिवालिक नगर में रामलीला का प्रथम मंचन दिनांक २३.०९.२०१७ को प्रारम्भ हुआ। २४.०९.२०१७ से ही तीन दिन तक लगातार बहुत भारी बारिश होती रही जिसकारण से रामलीला का मंचन नही हो पाया। इसी दिन राष्ट्र्पति श्री रामनाथ कोविंद जी भी हरिद्वार भ्रमण पर आये.। DAYA RAM SINGH BHAMRA
  • Shiv Ram Dham, mohinder1515 wrote 7 years ago:
    On 21.08.2017 a Bhandara was done by Maharaj Shiv Ram Ji, later on Maharaj Ji left the ashram and with his devotees for Pathankot. http://www.religiousplacesmarking.com/
  • Scooter Stand HRDC, DRBHAMRA wrote 7 years ago:
    My self D. R. S. Bhamra got Electrician Trade (39th batch) training from BHEL training school ranipur Hardwar Session -(1986-87)
  • Vidya Mandir Sector -1, BHEL Hardwar, preeti (guest) wrote 7 years ago:
    Gulati mam
  • भुइयार / कोरी धर्मशाला ऋषिकुल (हरिद्वार) श्री कबीर आश्रम धर्मार्थ ट्रस्ट (रजि.) , d r bhamra (guest) wrote 7 years ago:
    भुइयार धर्मशाला देवपुरा हरिद्वार,का इतिहास - सन 1950 में भुइयार / कोरी समाज के पांच व्यक्तियों ने समाज का आश्रम बनाने के लिए 1605 वर्ग फुट जमीन खरीद कर एक कमरा एवं बरामदा बनवाकर महंत बिरबल दास जी को आश्रम में महंत के रूप में रखा | - महंत बिरबल दास के बाद आश्रम के महंत रणजीत दास जी रहे | - महंत रणजीत दास के बाद 1976 से 1980 तक महंत भगवान दास जी आश्रम के महंत रहे | - महंत भगवान दास जी के बाद आश्रम में एक संस्था बनाई गई जिसका नाम “गद्दी कबीर साहेब” रखा गया | सन 1980 से 1984 तक आश्रम के प्रबन्धक के रूप में श्री रतन दास जी तथा अध्यक्ष के रूप मे श्री लोतीराम जी (सहारनपुर) रहे | - सन 1982 से 1984 तक संस्था के अध्यक्ष प्र0 मोल्हड़ सिंह रहे | - सन 1984 से 1986 तक संस्था के अध्यक्ष श्री जगपाल सिंह रहे | - सन 1986 में श्री सूरजमल (बिजनौर) एवं श्री नाथा सिंह (सहारनपुर) ने आश्रम में एक दूसरी समानांतर संस्था का गठन किया, जिसका नाम “कबीरपंथी आश्रम एवं धर्मशाला व्यवस्था सभा हरिद्वार” रखा गया | जिसके अध्यक्ष श्री सूरजमल एवं महंत श्री सीताराम नांगल (बिजनौर) को नियुक्त किया गया | - सन 1986 के कुम्भ मेले के बाद उपरोक्त तीनों व्यक्तियों ने मिलकर आश्रम की जमीन का दो तिहाई हिस्सा बेचने की साजिश की | इस हिस्से में आश्रम के प्रथम महंत बिरबल दास जी की समाधि थी | इस समाधि को उपरोक्त तीनों व्यक्तियों द्वारा तोड़ दिया गया एवं दो दुकानों को किराए पर भी दे दिया गया | किराएदार द्वारा आश्रम की दुकान पर कब्जा करने की कोशिस की गई| समय -2 पर समाज के व्यक्तियों की किराएदार से झड़प होती रही | इस घटना के बाद समाज में अविश्वास की भावना पैदा हो गई तथा आश्रम इसी तरह से लावारिस पड़ा रहा | - सन 2005 में समाज के कुछ शरारती लोगों ने खाली पड़ी जमीन को फिर बेचने की साजिश रची परंतु समाज के जागरुक लोगों ने इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए एक ट्रस्ट का निर्माण किया जिसका नाम “श्री कबीर आश्रम धर्मार्थ ट्रस्ट समिति (रजि0)” रखा | ट्रस्ट को तहसील हरिद्वार एवं चिट्ट फंड सोसायटी देहरादून से पंजीकृत कराया गया | जिसके अध्यक्ष श्री कैलाश चन्द (हरिद्वार) नियुक्त किए गए | - आश्रम की जमीन की रजिस्ट्री 2007 में ट्रस्ट के नाम से कर दी गई | - 18 जून, 2008 को कबीर साहेब जी के जन्म दिन के अवसर पर भुइयार (Bhuiyar) / कोरी (Kori) समाज के व्यक्तियों द्वारा संत कबीर साहेब जी के जन्म दिन के अवसर पर एक जुलुस निकाला जा रहा था, इसी दौरान कब्जाधारी व्यक्ति ने भुइयार / कोरी समाज के व्यक्तियों से झगड़ा कर दिया | उस समय लोगों में अफरा तफरी मच गई, उस समय उपस्थित भीड़ में इस घटना से जोश भर गया और देखते ही देखते कब्जा किए गये भवन-दुकान को चंद मिनटों में ही नेस्ता नाबूद कर दिया तुरंत ही कबीर आश्रम पर भारी पुलिस बल आ पहुंचा और भुइयार / कोरी समाज के बहुत सारे व्यक्तियों को अरेस्ट कर लिया गया । जिसमें समाज के 12 व्यक्ति जेल चले गए | इन लोगों पर अलग-२ धाराओं में मुकदमें चलाये गये परंतु बाद में कोर्ट ने इन लोगों को बा-इज्जत बरी कर दिया | इस प्रकार आश्रम को कब्जा मुक्त कराकर खाली करा लिया गया | - सन 2009 में ट्रस्ट का विधिवत चुनाव कराया गया, जिसमें श्री जैय सिंह जी अध्यक्ष पद पर नियुक्त किए गए | - ट्रस्ट की एक बैठक में दयाराम सिंह भामड़ा नें सुझाव दिया कि पुराने भवन को तोड़कर नया भवन बनाया जाये । इस सुझाव पर अमल करते हुए, 28-04-2010 में आश्रम का नया दो मंजिला भवन का शिलान्यास दयाराम सिंह भामड़ा, श्री जय सिंह एवं श्री करनपाल सिंह के करकमलों द्वारा हो गया। आश्रम के आधे हिस्से की जमींन पर जिसमें प्रथम महंत बिरबल दास जी की समाधि भी है, उस जमींन पर कोर्ट मे केश चल रहा है जो कि अभी कोर्ट में लम्बित हैं हम भुइयार (Bhuiyar) / कोरी (Kori) समाज के लोग आशा करते है कि कोर्ट का फसला आश्रम के पक्ष होगा क्योंकि भुइयार (Bhuiyar) / कोरी (Kori) समाज के लोगों की आस्था संत कबीर साहेब एवं महंत बिरबल दास जी से जुडी हुई है जिनकी समाधि इस जगह बनी हुई है। - ट्रस्ट द्वारा मई, 2010 में पुराने भवन को तोड़कर आश्रम में नया दो मंजिला भवन का निर्माण कराया गया है | भवन निर्माण के लिए ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा दो लाख रूपये तक का दान ट्रस्ट को दिया है | ट्रस्ट के कुल 205 आजीवन सदस्य हैं | - ट्रस्ट के नियमावली के अनुसार, आश्रम में केवल भुइयार अथवा कोरी समाज के व्यक्ति ही भाग ले सकते हैं, अन्य किसी समाज अथवा समुदाय के व्यक्ति भाग नही ले सकते |
  • Bhuiyar Dharmshala (Shri Kabir Dharmarth Trust Haridwar), d r bhamra (guest) wrote 7 years ago:
    भुइयार धर्मशाला देवपुरा हरिद्वार,का इतिहास - सन 1950 में भुइयार / कोरी समाज के पांच व्यक्तियों ने समाज का आश्रम बनाने के लिए 1605 वर्ग फुट जमीन खरीद कर एक कमरा एवं बरामदा बनवाकर महंत बिरबल दास जी को आश्रम में महंत के रूप में रखा | - महंत बिरबल दास के बाद आश्रम के महंत रणजीत दास जी रहे | - महंत रणजीत दास के बाद 1976 से 1980 तक महंत भगवान दास जी आश्रम के महंत रहे | - महंत भगवान दास जी के बाद आश्रम में एक संस्था बनाई गई जिसका नाम “गद्दी कबीर साहेब” रखा गया | सन 1980 से 1984 तक आश्रम के प्रबन्धक के रूप में श्री रतन दास जी तथा अध्यक्ष के रूप मे श्री लोतीराम जी (सहारनपुर) रहे | - सन 1982 से 1984 तक संस्था के अध्यक्ष प्र0 मोल्हड़ सिंह रहे | - सन 1984 से 1986 तक संस्था के अध्यक्ष श्री जगपाल सिंह रहे | - सन 1986 में श्री सूरजमल (बिजनौर) एवं श्री नाथा सिंह (सहारनपुर) ने आश्रम में एक दूसरी समानांतर संस्था का गठन किया, जिसका नाम “कबीरपंथी आश्रम एवं धर्मशाला व्यवस्था सभा हरिद्वार” रखा गया | जिसके अध्यक्ष श्री सूरजमल एवं महंत श्री सीताराम नांगल (बिजनौर) को नियुक्त किया गया | - सन 1986 के कुम्भ मेले के बाद उपरोक्त तीनों व्यक्तियों ने मिलकर आश्रम की जमीन का दो तिहाई हिस्सा बेचने की साजिश की | इस हिस्से में आश्रम के प्रथम महंत बिरबल दास जी की समाधि थी | इस समाधि को उपरोक्त तीनों व्यक्तियों द्वारा तोड़ दिया गया एवं दो दुकानों को किराए पर भी दे दिया गया | किराएदार द्वारा आश्रम की दुकान पर कब्जा करने की कोशिस की गई| समय -2 पर समाज के व्यक्तियों की किराएदार से झड़प होती रही | इस घटना के बाद समाज में अविश्वास की भावना पैदा हो गई तथा आश्रम इसी तरह से लावारिस पड़ा रहा | - सन 2005 में समाज के कुछ शरारती लोगों ने खाली पड़ी जमीन को फिर बेचने की साजिश रची परंतु समाज के जागरुक लोगों ने इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए एक ट्रस्ट का निर्माण किया जिसका नाम “श्री कबीर आश्रम धर्मार्थ ट्रस्ट समिति (रजि0)” रखा | ट्रस्ट को तहसील हरिद्वार एवं चिट्ट फंड सोसायटी देहरादून से पंजीकृत कराया गया | जिसके अध्यक्ष श्री कैलाश चन्द (हरिद्वार) नियुक्त किए गए | - आश्रम की जमीन की रजिस्ट्री 2007 में ट्रस्ट के नाम से कर दी गई | - 18 जून, 2008 को कबीर साहेब जी के जन्म दिन के अवसर पर भुइयार (Bhuiyar) / कोरी (Kori) समाज के व्यक्तियों द्वारा संत कबीर साहेब जी के जन्म दिन के अवसर पर एक जुलुस निकाला जा रहा था, इसी दौरान कब्जाधारी व्यक्ति ने भुइयार / कोरी समाज के व्यक्तियों से झगड़ा कर दिया | उस समय लोगों में अफरा तफरी मच गई, उस समय उपस्थित भीड़ में इस घटना से जोश भर गया और देखते ही देखते कब्जा किए गये भवन-दुकान को चंद मिनटों में ही नेस्ता नाबूद कर दिया तुरंत ही कबीर आश्रम पर भारी पुलिस बल आ पहुंचा और भुइयार / कोरी समाज के बहुत सारे व्यक्तियों को अरेस्ट कर लिया गया । जिसमें समाज के 12 व्यक्ति जेल चले गए | इन लोगों पर अलग-२ धाराओं में मुकदमें चलाये गये परंतु बाद में कोर्ट ने इन लोगों को बा-इज्जत बरी कर दिया | इस प्रकार आश्रम को कब्जा मुक्त कराकर खाली करा लिया गया | - सन 2009 में ट्रस्ट का विधिवत चुनाव कराया गया, जिसमें श्री जैय सिंह जी अध्यक्ष पद पर नियुक्त किए गए | - ट्रस्ट की एक बैठक में दयाराम सिंह भामड़ा नें सुझाव दिया कि पुराने भवन को तोड़कर नया भवन बनाया जाये । इस सुझाव पर अमल करते हुए, 28-04-2010 में आश्रम का नया दो मंजिला भवन का शिलान्यास दयाराम सिंह भामड़ा, श्री जय सिंह एवं श्री करनपाल सिंह के करकमलों द्वारा हो गया। - ट्रस्ट द्वारा मई, 2010 में पुराने भवन को तोड़कर आश्रम में नया दो मंजिला भवन का निर्माण कराया गया है | भवन निर्माण के लिए ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा दो लाख रूपये तक का दान ट्रस्ट को दिया है | ट्रस्ट के कुल 205 आजीवन सदस्य हैं | - ट्रस्ट के नियमावली के अनुसार, आश्रम में केवल भुइयार अथवा कोरी समाज के व्यक्ति ही भाग ले सकते हैं, अन्य किसी समाज अथवा समुदाय के व्यक्ति भाग नही ले सकते | Daya Ram Singh Bhamra
  • H.R.D.C (Training School), Apar Tyagi (guest) wrote 7 years ago:
    hello sir, i am apar tyagi i would like to know the procedure for applying summer intership program (MBA). online application form is available or not
  • sadhna dhaam, Ipek (guest) wrote 7 years ago:
    Dear Sir, I am also a follower of Swamiji Maharaj. He is my supreme Guru, my life. I am looking for his book, \"Evolutionary Sadhana\" which he references in \"Evolutionary Spiritualism\". I cannot find a copy. Do you know if / how I could get it? Respectfully, Ipek
  • ROCKMAN IND. LTD. HARIDWAR, ISHAN KUMAR BURMAN (guest) wrote 7 years ago:
    ISHAN KUMAR BURMAN
  • Sri Vyas Ashram, Haridwar, srinath (guest) wrote 7 years ago:
    where i can get contact no
  • Adya Shakti Mahakali Sidha Aashram Haridwar Kankhal , piyush purohit (guest) wrote 7 years ago:
    i want the contact no. ?
  • R-105, Shiv Chandrarika, Attilla (guest) wrote 7 years ago:
    This is the best place EVAR!!!. Mast jhoola and porch